Tuesday 9 May 2017

रसोई 5

मिल्क पाउडर गुंझिया रेसिपी

मिल्क पाउडर गुजिया -


गुजिया होली की खास मिठाई है. यह अनेक तरह की स्टफिंग और आकार में बनाई जाती है, लेकिन मावा और ड्राय फ्रूट्स भरी गुजिया का कोई जबाव नहीं. जब भी कभी मावा न मिले या त्यौहार पर मिलने वाला मावा भरोसेमन्द न हो तो हम मिल्क पाउडर से बनी स्टफिंग भर कर भी गुजिया बना सकते हैं
आवश्यक सामग्री -
मैदा - 1 कप (125 ग्राम)
घी - 2 टेबल स्पून (30 ग्राम)
दूध - 1/2 कप
स्टफिंग के लिए
मिल्क पाउडर - 1/2 कप (60 ग्राम)
पाउडर चीनी - 1/2 (80 ग्राम)
सूखा नारियल - 1/2 कप (25 ग्राम) कद्दूकस किया हुआ
किशमिश - 1 टेबल स्पून
काजू - 1 टेबल स्पून
चिरौंजी - 1 टेबल स्पून
इलायची - 4
घी - गुजिया तलने के लिए

विधि -
मैदा को किसी बर्तन में निकाल लीजिये, मैदा में घी डाल कर, अच्छी तरह मिलाइये. अब थोडा़-थोडा़ हल्का गरम दूध डालते हुए पूरी के जैसा सख्त आटा गूंथ लीजिये. आटे को 20 मिनिट के लिए ढककर रख दीजिये, आटा सैट होकर तैयार हो जाएगा. मैदा सैट होती है तब तक गुजिया के लिये स्टफिंग बना लीजिये.
काजू को छोटे-छोटे टुकडों में काट लीजिए और इलायची का पाउडर बना लीजिए.

पैन में 2 टेबल स्पून घी डालकर दूध डाल दीजिए और इसमें थोडा़-थोडा़ मिल्क पाउडर डालते हुए मिक्स करते जाइये. इसे लगातार चलाते हुये अच्छी तरह से मैश करते हुए गाढा़ और चिकना होने तक पकाना है, ताकि इसमें किसी प्रकार की गुठलियां न रह पाएं. मिश्रण के मावा जैसा बनने के बाद गैस बंद कर दीजिए. इसे किसी प्याले में निकाल लीजिए और ठंडा होने दीजिए.
मिश्रण के ठंडा होने पर इसमें कटे हुए काजू, चिरौंजी, इलायची पाउडर, किशमिश, नारियल और पाउडर चीनी डालकर सभी चीजों को अच्छी तरह से मिला दीजिए. गुजिया में भरने के लिए मिश्रण तैयार है.
आटे को मसल कर चिकना कर दीजिये, और छोटी-छोटी लोइयां तोड़ कर तैयार कर लीजिये, लोइयों को मसल कर पेड़े जैसा बना लीजिये, लोइयों को ढककर रख लीजिये. एक लोई उठाइये और गोल एक जैसी 3-3½ इंच के व्यास में बेलिये, बेली हुई पूरी को उठाइये, पूरी को सांचे के ऊपर रखिये, 1-2 चम्मच मिश्रण पूरी के ऊपर डालिये, किनारों पर उंगली के सहारे से पानी लगाइये. सांचे को बन्द कीजिये, दबाइये, गुजिया से अतिरिक्त पूरी हटा दीजिये. सांचे को खोलिये, गुजिया निकाल कर थाली में रख दीजिए और इसी तरह से सारी गुजिया बना कर तैयार कर लीजिए(गुजिया बनाकर थाली में या बिछे हुये कपड़े पर रखें और उन्हैं ढककर रखें, ताकि गुजिया सूखें नहीं).
गुजिया तल लीजिये:
कढ़ाई में घी डालकर गरम कीजिये, घी हल्का गरम होने के बाद जितनी गुजिया घी में आ जाएं उतनी या 4-5 गुजिया डाल दीजिये, और धीमी-मिडियम गैस पर, गुजिया को पलट-पलट कर दोनो और से गोल्डन ब्राउन होने तक तल लीजिये, तली हूई गुजिया प्लेट पर टिशु पेपर बिछा कर उसमें रख लीजिये, सारी गुजिया इसी तरह तल कर तैयार कर लीजिये. गरमा गरम मिल्क पाउडर की गुजिया बनकर तैयार है. गुजिया को गरमा गरम परोसिये और खाइये. बची गुजिया पूरी तरह ठंडी होने के बाद कन्टेनर में भर कर रख लीजिये और 10-12 दिन तक खाते रहिये.

सुझाव:
गुजिया के लिये पूरी एक जैसी बेलें, गुजिया भरते समय सावधानी रखें, गुजिया फटे नहीं, स्टफिंग बहुत ज्यादा न भरें, गुजिया के किनारे अच्छी तरह से चिपकायें, अगर कोई गुजिया फट जाय तब उसे अलग रख लीजिये और सारी गुजिया तलने के बाद उसे तल लीजिये, अगर घी में कोई फटी गुजिया चली जायेगी तो स्टफिंग घी में आ जायेगी और फिर बची हुई गुजिया तलना मुश्किल, गैस बन्द करो घी को छानों, तब बची हुई गुजिया तली जायेंगी.

12-14 गुजिया के लिये
समय - 40 मिनट

प्रसाद बूंदी - उरद दाल की बूंदी - 

प्रसाद की बूंदी बेसन की बूंदी से साइज में थोड़ी बड़ी और स्वाद में अलग होतीं है. इन्हें गोंदी भी कहा जाता है. मंगलवार के दिन हनुमान पर प्रसाद में भी इन्ही बूंदी को बनाया जाता है. हम इन्हें घर में भी बड़ी आसानी से बना सकते हैं.

आवश्यक सामग्री
मैदा - 1 कप (150 ग्राम)
उडद दाल - ¼ कप (50 ग्राम) भिगो कर ली हुई
लाल रंग - 1/2 पिंच
बेकिंग पाउडर - ½ छोटी चम्मच
चीनी - 3 कप (750 ग्राम)
इलायची पाउडर - ½ छोटी चम्मच
तेल - तलने के लिए

विधि -
बूंदी बनाने के लिए सबसे पहले चाशनी तैयार कीजिए. इसके लिए एक बर्तन में 3 कप चीनी और 1 कप पानी डाल कर चीनी को पानी में घुलने तक पका लीजिए.
बूंदी के लिए बैटर तैयार कीजिये, धुली उड़द की दाल अच्छे से साफ करके धोकर पानी में 2 घंटे के लिए भिगो कर रख दीजिए इसके बाद दाल से अतिरिक्त पानी हटा करके दाल ले लीजिए.
भीगी दाल को मिक्सर जार में डाल कर, थोड़ा सा पानी डालकर बारीक पीस लीजिए.
एक बड़े प्याले में मैदा निकाल लीजिए इसमें बेकिंग पाउडर और आधा चुटकी भर खाने वाला लाल रंग डाल दीजिए. अब इस मिश्रण में थोडा़ थोडा़ पानी डालते हुए गुठलियां खत्म होने तक अच्छा चिकना घोल बना कर तैयार कर लीजिए.
घोल तैय़ार हो जाने पर इसमें पिसी हुई उड़द की दाल डाल दीजिए और अच्छे से मिलने तक मिला लीजिए.
इधर चाशनी को चैक कीजिए, चाशनी में तार बनने लगे तो चशनी बन चुकी है, गैस बंद कर दीजिए. चाशनी में इलायची पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला कर दीजिए.

कढा़ई में तेल डालकर गरम कीजिए. तेल के अच्छा गरम होने पर बूंदी बनाएं. मोटे छेदों वाली कलछी लीजिए और इसे उलटा करके, उलते हाथ में कढ़ाई के ऊपर, थोड़ी सी दूरी रखते हुये पकड़िये. इसके ऊपर बूंदी का घोल डाल दीजिए और हाथ से बैटर को दबाते हुये बूंदी बनाइये, कलछी से मोटी बूंदी निकल कर तेल में गिरती हैं, ओर सिक कर, तेल के ऊपर आकर तैरने लगती हैं. कढ़ाई में जितनी बूंदी आसानी से आ जायं उतनी बूंदी डाल दीजिये और बूंदी को हिला हिला कर अच्छी गोल्डन ब्राउन होने तक तल लीजिये.
तली बूंदी को जाली वाले बड़े झावे से निकाल कर चाशनी में डाल दीजिये और चमचे से डुबा दीजिये, 1-2 मिनिट बूंदी को चाशनी में ही रहने दीजिए, जब तक चाशनी बूंदी चाशनी को सोक रही है तब तक आप और बूंदी तलने के लिए डाल दीजिए और जब तक बूंदी तलकर तैयार होती है तब तक आप चाशनी में डुबो कर रखी बूंदी को निकाल कर अलग थाली में रख लीजिए और दूसरी तली बूंदी चाशनी में डालकर रख दीजिए. इसी तरह सारी बूंदी बना कर तैयार कर लिजिए. स्वादिष्ट मीठी प्रसाद की बूंदी बनकर के तैयार है
सुझाव:
बूंदी के लिए घोल न ज्यादा पतला होना चाहिए न ही ज्यादा गाढ़ा हो, एकदम सही कंसिस्टेंसी का घोल होना चाहिये.
बूंदी तलने के लिए तेल अच्छा गरम होना चाहिए. अगर तेल गरम नही होगा तो बूंदी आपस में चिपकी चिपकी बनती हैं.
बूंदी को चाशनी से निकाल लेने के बाद, थाली में रखी बूंदी को बीच-बीच में चमचे से हिलाते रहें ताकि वह चिपक कर इकठ्ठी न हो जाय, उसे अलग अलग करते रहें.
कलछी जिससे बूंदी बना रहे हैं उसे एक बार बूंदी कढ़ाई में डालने के बाद, और दूसरी बार बूंदी बनाने से पहले साफ कीजिये, उसके छेद पूरी तरह से खुले रहें, गोल और अच्छी बूंदी बनती रहेंगी.

काला जामुन - 

काला जामुन सबसे ज्यादा पसन्द की जाने वाली मिठाई में से एक है, इसे काला जाम भी कहते हैं, काला जामुन और गुलाब जामुन एक ही तरह से बनाये जाते हैं, लेकिन काला जामुन की बाहरी परत हल्की सख्त और गहरे रंग की होती है. यह बाहर से सख्त और अंदर से ड्रायफ्रूट्स और रसभरे होते है.

आवश्यक सामग्री -
खोया - 2 कप (400 ग्राम)
पनीर - 125 ग्राम या आधा कप
मैदा - ½ कप ऊपर तक भरा हुआ (75 ग्राम)
चीनी - 1 किलो (4 कप ऊपर तक भरे)
सूजी - 1 टेबल स्पून (10 ग्राम)
काजू - 6-7 (1 टेबल स्पून) (बारीक कटे हुए)
बादाम - 6-7 (1 टेबल स्पून) बारीक कटे हुए
चिरौंजी - 1 टेबल स्पून
इलायची - 4 (दरदरी कूटी हुई)
फूड कलर - 1 पिंच
बेकिंग पाउडर - ¼ छोटी चम्मच
घी - काला जामुन तलने के लिए

विधि -
पनीर को प्लेट में निकाल कर क्रम्बल कर लीजिए, इसमें सूजी और बेकिंग पाउडर डालकर मसल-मसल कर अच्छे से मैश कीजिए. पनीर सोफ्ट हो जाने पर इसमें खोया और मैदा डालकर मिला दीजिए और हथेली की मदद से इसे अच्छे से मसलते हुए नरम कीजिए. मिश्रण के अच्छा नरम होने पर गोले बनाने के लिए मिश्रण तैयार है.
स्टफिंग बनाएं
स्टफिंग के लिए चिरौंजी, बारीक कटे हुए काजू, बारीक कटे हुए बादाम, दरदरी कूटी हुई इलायची और 1 छोटी चम्मच चीनी डाल दीजिए. अब खोया-पनीर के मिश्रण से 2 चम्मच मिश्रण इस स्टफिंग में डालकर अच्छे से मिला दीजिए. इसमें थोडा़ सा फूड कलर डालकर सारी चीजों को अच्छे से मिलने तक मिला लीजिये.

चाशनी बनाए
एक बर्तन में 1 किलो चीनी और आधा लीटर पानी मिलाकर आग पर चाशनी बनने के लिये रखिये. चाशनी में जब उबाल आ जाय, चीनी पानी में घुल जाने तक पकाएं. चाशनी के घोल से लेकर 1-2 बूंद प्लेट में टपकायें. अंगूठे और अंगुली के बीच चिपका कर देख लीजिए, चाशनी उंगली और अंगूठे के बीच चिपकनी चाहिये, चाशनी बनकर तैयार है, गैस बंद कर दीजिए और चाशनी को उतार कर स्टैंण्ड पर रख दीजिए.

काला जामुन बनाकर तलिये
कढ़ाई में घी डाल कर गरम कीजिये. जामुन तलने से पहले टैस्ट कीजिये की कहीं काला जामुन फट तो नहीं रहा है.

मिश्रण से थोड़ा मिश्रण लेकर गोल कीजिये और उसे गोल बना कर तैयार कर लीजिए, तलने के लिये मीडियम गरम घी में डालिये, और घी को काला जाम के ऊपर उछालते हुये और काला जाम को घुमाते हुये, उसे अच्छा गोल्डन ब्राउन होने तक तल लीजिये.  अगर यह काला जामुन घी में बिखरता है तो मिश्रण में थोड़ी मैदा और मिला दीजिये ताकि यह काला जामुन तलते समय बिखरे नहीं. पहले एक काला जामुन तल कर मिश्रण चैक करना सही रहता है.
मिश्रण को छोटे छोटे भागों में बांट लीजिये, एक टुकड़ा उठाइये, हाथ पर रखिये और उसे थोड़ा चपटा कर लीजिये, थोड़ी सी स्टफिंग उसके ऊपर रखिये और मिश्रण को सारी ओर से उठाकर बन्द कर दीजिये, और दोंनों हथेलियों की सहायता से उसे अच्छा गोल कीजिये, प्लेट में रख दीजिये, इसी तरह 10-15 गोले बनाकर तैयार कर लीजिये. तैयार गोलों को कढ़ाई में डालें और तलें. गैस की फ्लेम धीमी रखें, घी मीडियम गरम हो, काला जामुन को तलते समय उस पर कलछी न लगायें बल्कि गरम गरम घी उस पर कलछी से डालें और हल्के ब्राउन होने तक इन्हें धीमी आंच पर तलें जब यह ब्राउन हो जाएं तब इन्हें डार्क ब्राउन करने के लिए आग तेज कर दीजिए और ऊपरी डार्क ब्राउन होने तक जामुन को थोड़ी देर और तल लीजिये. तले हुये काला जामुन कढ़ाई से निकाल कर चाशनी में डुबा दीजिये. इसी तरह सारे मावा के गोले बनाकर, तल कर चाशनी में डाल कर डुबा दीजिये.
तले हुये काला जामुन को चाशनी में 2-3 घंटे तक डूबे रहने दीजिए. काला जामुन मीठा रस सोखकर मीठे और स्वादिष्ट हो जायेंगें. तब इन्हें खाया जा सकता है पर इनका असली स्वाद दूसरे दिन आता है जब रस पूरी तरह से इनमें समा जाता है.
काला जामुन को बाहर रखकर 8- 10 दिन और फ्रिज में  रखकर 15-20 दिन तक खाया जा सकता है.
सुझाव
मावा और पनीर के मिश्रण को अच्छी तरह मसल मसल कर अच्छा नरम कर लीजिए. मिश्रण से गोला बनाकर देखिये, गोला में क्रेक्स नहीं आने चाहिये, अगर गोले में क्रेक आ रहे हों तो मिश्र्ण को और मलना चाहिये.
काला जामुन तलने के लिए घी ज्यादा ही लें क्योंकि घी कम होने पर यह अच्छे चारों ओर एक जैसे नहीं सिकते, और फूलते भी नहीं हैं, पिचके से रह जाते हैं.
काला जामुन तलने के लिये घी मीडियम गरम होना चाहिये, घी ज्यादा गरम होने पर काला जामुन जल जायेंगे और घी बहुत ही हल्का गरम होने पर वे घी में बिखर सकते हैं.
35-40 काला जामुन बनाने के लिये
समय - 70 मिनिट

लौकी का हलवा - 

कद्दूकस की गई लौकी को पकाते हुये दूध, मावा और ड्राय फ्रूट्स मिलाकर बनाया हुआ लौकी का हलवा या दूधी का हलवा बहुत आसानी बन जाता है, इसे किसी पार्टी के लिये बना सकते हैं या फिर कुछ अच्छी मिठाई खाने का मन तब ये हलवा बनाकर खा सकते हैं.

आवश्यक स‌ामग्री -
लौकी- 1 किग्रा.
चीनी- 1.5 कप ( 300 ग्राम )
मावा- 1 कप ( 250 ग्राम )
फुल क्रीम दूध- 1 कप
घी- 1/4 कप (50 ग्राम)
काजू- 15
बादाम- 15
इलायची- 6-7

विधि -
हलवा बनाने के लिए, लौकी को धो कर ले लीजिए. छीलिए और डंठल को काटकर हटा दीजिए. लौकी को 3-4 इंच के बड़े टुकड़ों में काट कर चारों तरफ स‌े कद्दूकस कर लीजिए, इसके बीच के नरम भाग और बीज को हटा दीजिए.
काजू और बादाम को छोटे-छोटे टुकड़ों मे काट कर तैयार कर लीजिए, और इलायची को छीलकर इसके बीजों का पाउडर बना लीजिए.
पैन को गैस पर गरम कर दीजिए, और लौकी को पैन में पकने के लिए डाल दीजिए और दूध को डालकर अच्छे स‌े मिला दीजिए. पैन को ढककर लौकी को 3-4 मिनट तक धीमी आंच पर पकने दीजिए.
लौकी को चैक कीजिए. लौकी हल्की स‌ी नरम हो गई  होगी.  अगर लौकी में दूध दिख रहा है तो, गैस की आंच को तेज करके दूध के खत्म होने तक लौकी को 1-2 मिनट चलाते हुए पकाएं.
लौकी में दूध जब खत्म हो जाए, तो लौकी में चीनी डालकर मिला लीजिए. हलवे में चीनी के पूरी तरह घुलने तक और इसका जूस खत्म होने तक इसे पका लीजिये, हलवे को हर 1 मिनिट में चलाते हुए पकाएं जिससे की ये पैन के तले पर न लगे.
अब एक दूसरे पैन में मावा को भून कर तैयार कर लीजिए. इसके लिए पैन में क्रम्बल किया हुआ मावा डाल दीजिए. गैस धीमी और मीडियम रखें, और मावा को लगातार चलाते हुए हल्का सा कलर बदलने तक पका लीजिए.
मावा के कलर बदलने और उसमें से घी निकलने पर मावा भून कर तैयार है, इसे प्याले में निकाल लीजिए. 
लौकी में बहुत कम जूस बच जाने पर इसमें , घी डाल दीजिए और लगातार चलाते हुए 2-3 मिनट तक अच्छे स‌े भून लीजिए. लौकी के भून जाने पर इसमें भूना हुआ मावा, काट कर रखे हुए काजू, बादाम और इलायची पाउडर डालकर स‌भी चीजों को 1-2 मिनिट अच्छे स‌े मिलाते हुए हलवे को पका लीजिए.

हलवे को लगातार चलाते हुए धीमी आंच पर 3-4 मिनिट के लिए पकने दीजिए. हलवा बनकर तैयार है. हलवे को प्याले में निकाल लीजिए और कटे हुए काजू और बादाम स‌े गार्निश कीजिए. गरमा गरम लौकी का स्वादिष्ट हलवा बनकर तैयार है. जब आपका मन हो इसे परोसिये और खाईये.
सुझाव
हलवा बनाते स‌मय इसे लगातार चलाते रहें, जिससे आपका हलवा तले स‌े चिपक कर जले नहीं.
हलवे को पूरी तरह से ठंडा होने पर फ्रिज में रख दीजिए और 1 हफ्ते तक आपका जब मन हो इसे फ्रिज से निकालें और खाएं.
लौकी का हलवा बनाने स‌े पहले एक बार लौकी को टेस्ट जरुर कर लीजिए, क्योंकि कभी-कभी लौकी कड़वी निकल जाती हैं. जिससे आपका हलवा कड़वा हो सकता है.
4 सदस्यों के लिये
समय 50 मिनिट

तिल गुड़ बर्फी -

सर्दियों में तिल, गुड़ और सूखे मेवे से बने बर्फी या लड्डू पारंपरिक रूप से बनाये जाते रहे हैं. प्रस्तुत है तिल गुड़ की बर्फी जिसे बहुत कम समय में और बहुत थोड़े से इन्ग्रेडियेन्ट्स से बनाया जा सकता है.

आवश्यक सामग्री -
तिल - 2 कप (300 ग्राम)
गुड़ - 1 कप (250 ग्राम)
घी - ¼ कप (50 ग्राम)
इलायची - 8-10 (दरदरी कुटी हुई)
बादाम - 10-12 (बारीक कटे हुए)
विधि -

तिल भूनिए
तिल गुड़ की बर्फी बनाने के लिए सबसे पहले तिल भून लीजिए. गैस पर पैन गरम कीजिए और इसमें तिल डाल दीजिए. तिल को लगातार चलाते हुए इनके हल्का सा फूलने और हल्का सा रंग बदलने तक भून लीजिए. तिल के फूल जाने के बाद, इन्हें एक थाली में निकाल लीजिए. तिल भुनने में 2 से 3 मिनिट का ही समय लगता है. तिल जरा सा भी ज्यादा भुनने पर स्वाद में कड़वे हो जाते हैं

चाशनी तैयार कीजिए 
तिल भूनने के बाद, कढा़ई में घी डाल दीजिए और इसे पिघलने दीजिए. घी के पिघल जाने पर कढ़ाई में गुड़ को छोटे छोटे टुकड़ों में तोड़ कर डाल दीजिए. फिर्, इसमें चौथाई कप पानी डाल दीजिए और गुड़ को पिघलने तक पका लीजिए. बीच-बीच में इसे चलाते रहिए. थोड़ी देर में चाशनी तैयार हो जाएगी.

तिल पीसिए 
जब तक चाशनी बनकर तैयार हो, तब तक तिल पीस लीजिए. तिल पीसने के लिए, मिक्सर जार में तिल डाल दीजिए और इन्हें हल्का दरदरा पीस लीजिए. अब, चाशनी चैक कर लीजिए. गुड़ अच्छे से पिघल गया है. इसे 1 से 2 मिनिट और पकाया गया है. गैस धीमी कर लीजिए.

बर्फी का मिश्रण बनाइए
इसके बाद, पिसे हुए तिलों को गुड़ की चाशनी में डाल दीजिए. इन्हें धीमी गैस पर मिक्स करते हुए तब तक पकाइए जब तक कि ये अच्छे से आपस में मिल न जाएं. इस मिश्रण में दरदरी कुटी हुई इलाइची भी डाल दीजिए. सभी सामग्रियों को अच्छे से मिक्स कर दीजिए. इस मिश्रण को जमने वाली कन्सिस्टेन्सी तक पका लीजिए.

बर्फी जमाइए
बर्फी जमाने के लिए एक प्लेट को थोड़े से घी से चिकना कर लीजिए. फिर, बर्फी के मिश्रण को प्लेट में जमने के लिए डाल दीजिए. इस मिश्रण को चम्मच से एक जैसा कर दीजिए. बर्फी के ऊपर कटे हुए बादाम डालकर इसकी गार्निशिंग कर दीजिए. चम्मच से बादाम को हल्का सा दबा दीजिए ताकि ये बर्फी पर सही से चिपक जाएं. अब, बर्फी को 15 से 20 मिनिट के लिए ठंडा होने दीजिए.

बर्फी के ठंडा होने के बाद, इस पर चाकू से काटने के निशान लगा दीजिए. आप अपनी पसंदानुसार आकार में टुकड़ों को काट सकते हैं. बर्फी को पूरी तरह ठंडा होने दीजिए और इसके बाद, इनके टुकड़े अलग कर दीजिए. बर्फी को अलग करने के लिए, गैस पर नीचे की ओर से प्लेट को थोड़ा सा गरम कर लीजिए. बर्फी के टुकड़ों को निकालकर प्लेट में रख लीजिए.
तिल गुड़ की स्वादिष्ट बर्फी तैयार है. बर्फी को एअर टाइट कन्टेनर में भर कर रखिए और 1 माह से भी ज्यादा समय तक जब भी आपका मिठाई खाने का मन हो, बर्फी निकालिए और खाइए.
सुझाव
चाशनी बनाते समय ज्यादा पानी न डालें, पानी नापकर ही डालें.
गुड़ पिघलाने के बाद, चाशनी को 2 मिनिट पका लें और फिर, पिसे हुए तिल डालें.
गैस धीमी और मीडियम रखें.
तिल को ज्यादा मत भूनें वरना ये स्वाद में कड़वाहट आ जाती है.
घी बर्फी का स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया गया है. आप चाहे, तो बिना घी के भी इसे तिल और गुड़ के साथ भी बना सकते हैं.
आप अपनी इच्छानुसार कटे हुए बादाम को बर्फी के मिश्रण में भी उपयोग कर सकते हैं.

मूंग की दाल की बड़ी / मंगोड़ी--

पहले दाल की बड़ी (Dal badi) घर पर ही बनाते थे क्योंकि बाजार में ये बड़ियां नहीं मिला करती थी, मिलती भी थी तो काफी महंगी और कुछ मुख्य

दुकानों पर ही मिल पाती थी उनकी क्वालिटी भी घर में बनी जैसी बड़ियों जैसी नहीं होती थी, लेकिन आज के समय में बाजार में विशेष रूप से महिला उद्योग संस्थानों द्वारा बनाई गई बड़िया, आलू चिप्स और पापड़ मिल जाते हैं.
हम यहां मूंग दाल की बड़ियां बना रहे हैं, लगभग इसी तरह सभी प्रकार की बड़ियां बनाई जाती हैं, आपको अपने स्वाद के अनुसार सामग्री लेनी होगी: जैसे उरद की दाल की मसाले वाली बड़ी (Urad Dal Masala Badi), चने की दाल की बड़ी (Chana Dal badi), चने की दाल की बड़ी लौकी या पेठा फल डाल कर भी बनाई जाती हैं. बड़ियों को आप अपने अनुसार छोटी या बड़ी बना सकती हैं,
छोटी आकार की बड़ियां जल्दी सूख जाती हैं, बड़े आकार की बड़ियां देर से सूखती हैं लेकिन बड़े आकार बड़ी जल्दी जल्दी तोड़ ली जाती हैं वहीं छोटी बड़ियों को तोड़ने में समय अधिक लगता है.
मूंग की दाल छिलके वाली या धुली दोनों दालो से बड़ियां बनाई जाती हैं.  छिलके वाली दाल का स्वाद कुछ ज्यादा अच्छा होता है लेकिन धुली दाल से बनी बड़ियां भी अच्छी बनती हैं. हम अभी धुली मूंग दाल से ये बड़ी बना रहे है।
आवश्यक सामग्री -
मूंग की दाल - 200 ग्राम (एक कप)
हींग - 1 पिंच
तेल - 2 छोटे चम्मच
थालियां - 2-3

विधि--
दाल को साफ कीजिये और साफ पानी से धोकर पीने वाले पानी में 3-4 घंटे के लिये भिगो दीजिये. दाल का अतिरिक्त पानी निकाल दीजिये और बिना पानी डाले थोड़ी दरदरी दाल पीसिये, ज्यादा बारीक पिसी दाल से बनी बड़ी ठोस हो जाती हैं.
पिसी हुई दाल को किसी बड़े बर्तन में निकालिये, हींग को 1 छोटी चम्मच पानी में घोलिये और दाल में मिला दीजिये, दाल को 4-5 मिनिट तक खूब फैटिये, ये दाल बड़ी बनाने के लिये तैयार हो गई है.
सूखी साफ थालियों में तेल लगाकर चिकना कर लीजिये. हाथ में जितनी दाल आसानी से आ जाय ले लीजिये बिलकुल उसी तरह जैसे आप पकोड़े बनाने के लिये बेसन या दाल का पेस्ट उठाती हैं. उंगलियों की सहायता से थोड़ा थोड़ा दाल का पेस्ट गिराइये. बराबर दूरी पर और बराबर की बड़ियां  बनाने के लिये तो आपको प्रेक्टिस करनी होगी, बड़ियां यदि छोटी बड़ी होंगी तो भी स्वाद में कोई फरक नहीं होगा. जितनी दाल की बड़ियां एक थाली में आ जाय उतनी बड़ियां बना लीजिये, थाली भरने के बाद दूसरी थाली में बड़ियां तोड़िये. सारी दाल का पेस्ट करने के बाद बड़ियों से भरे थाल धूप में रखिये.
अगर तेज धूप है और आपने ये बड़ियां सुबह ही बना दी है तो शाम तक काफी हद तक सूख जाती हैं (बड़ियां सुबह ही बनाई जाती है ताकि दिन भर की धूप में सूख सकें). सूखकर थाली से बड़ियां आसानी से निकल आती हैं, दूसरे दिन आप उन्हैं एक ही थाली में डालकर सुखा लीजिये.
मूंग की दाल की बड़ियां सूख कर तैयार हो गई हैं, आप इन्हैं साफ और सूखे कन्टेनर में भर कर रख लीजिये. जब भी आपका मन करे 6 महिने तक कन्टेनर से आवश्यकतानुसार बड़ियां निकालिये और बड़ियों से सब्जी बना लीजिये.
सावधानियां
बड़ियों को अच्छी तरह सुखा कर ही भरिये, नहीं तो वे खराब हो जायेंगी.
दाल को बहुत ज्यादा घंटो तक भिगोने से बड़ियों का स्वाद उतना अच्छा नहीं बनता.

बेसनी अरबी रेसिपी

बेसनी अरबी –

पूड़ी परांठे के साथ अरबी की सब्जी बहुत ज्यादा अच्छी लगती है, चाहे वो अरबी फ्राई हो या कुरकुरी अरबी या बेसन वाली अरबी (Besan wali Arbi). हर अरबी का अपना अपना विशिष्ट स्वाद.

घर पर जब खास मेहमान आयें तो खास स्वाद वाली बेसनी अरबी (Besan wali Arbi) अवश्य बनायें.  सभी को बेहद पसंद आयेगी.
आवश्यक सामग्री -
अरबी (Colocasia - Taro Root) - 400 ग्राम
बेसन - 1 टेबल स्पून
नमक - एक छोटी चम्मच
अमचूर पाउडर - आधा छोटी चम्मच
लाल मिर्च पाउडर - आधा छोटी चम्मच
गरम मसाला - आधा छोटी चम्मच
हल्दी पाउडर - आधा छोटी चम्मच
धनियां पाउडर - एक छोटी चम्मच
तेल - 2 टेबल स्पून

तड़्के के लिये
अजवायन -  3/4 छोटी चम्मच
हरी मिर्च - 1-2 (बारीक कतर लीजिये)
अदरक - आधा इंच का टुकड़ा (बारीक काट लीजिये)
नीबू - आधा नीबू (रस 1 छोटी चम्मच)
हरा धनियां - 1 टेबल स्पून (बारीक कतरा हुआ)
विधि - How to make Besan wali Arbi
अरबी को धोकर एक गिलास पानी के साथ कुकर में उबालने रख दीजिये, कुकर में एक सीटी आने पर आग बन्द कर दीजिये (अरबी उबल कर एकदम नरम न हो जांय). कुकर खुलने तक मसाले तैयार कर लेते हैं.

किसी प्लेट में बेसन और सारे मसाले डालकर मिला अच्छी तरह मिला लीजिये.
कुकर से अरबी निकालिये, ठंडी कीजिये, अरबी छीलकर लम्बाई में 2 भागों में काट लीजिये.
अरबी का एक टुकड़ा उठाइये और अच्छी तरह बेसन मसाले में लपेटिये, किसी प्लेट में लगाइये.  एक एक करके सारे टुकड़े बेसन मसाले में लपेटिये और प्लेट में लगा लीजिये. 5 मिनिट बाद हम इन टुकड़ों को तल लीजिये.
नान स्टिक कढ़ाई में तेल डाल कर गरम कीजिये. गरम तेल में लगभग आधे टुकड़े डाल कर, पलट पलट कर कुरकुरे होने तक तल कर निकाल लीजिये. बचे हुये अरबी के टुकड़े भी डाल कर इसी प्रकार तल कर निकाल लीजिये. सार अरबी के टुकड़े तल कर तैयार कर लिये हैं.
तड़का लगायें:
कढाई में बचे हुये तेल को गरम कीजिये, गरम तेल में अजवायन डाल कर तड़कने के बाद, हरी मिर्च, अदरक डालिये और अरबी के टुकड़े डाल कर मिलाइये.  आग बन्द कर दीजिये, नीबू का रस और आधा हरा धनियां डालिये, चमचे से अच्छी तरह मिला दीजिये.

बेसन की अरबी (Besan wali Arbi) तैयार हैं, अरबी को प्याले या प्लेट में निकालिये और ऊपर से हरा धनियां डाल कर परांठे या पूरी के साथ परोसिये.

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